Count Your Blessings and Acknowledge Your Privileges !!

बड़े शहरों में रहने का एक फायदा है कि जिन लोगो को एकांत पसंद है उन्हें ये बड़े शहर भरपूर एकांत देते है ……….अपनी बालकनी के छोटे से बागीचे में सुबह या शाम को चाय का कप लेकर एकांत में बैठना मेरी दिनचर्या है I अगर मुझे ये एकांत मिले तो मैं डिस्चार्ज मेहसूस करती हू I छोटे शहरों में आप बालकनी में चाय का कप लेकर बैठ जाए तो बगल वाली भाभी जी ज़रूर वार्तालाप शुरू कर देगीखैर चूँकि मैं चाय का कप लेकर किसी से बात नहीं करती तो फिर निष्चित है या तो कुछ पढ़ती हूँ या चिंतन और अवलोकन कर रही होती हूँ I

            गुरुग्राम के जिस हिस्से में मैं रहती हूँ वह मेदांता और फोर्टिस अस्पताल के बेहद करीब है और इसकी वजह से गल्फ देशो से इलाज कराने के लिए काफी लोग यहाँ आते हैं और आकर कुछ दिनों के लिए किराये पर  घर लेकर रहते है I ऐसे ही मेरे घर के सामने वाले फ्लैट में कुछ दिनों से एक ईरानी परिवार आकर रह रहा थाशुभी, मेरी डोमेस्टिक हेल्प ने बताया था कि ये ईरान से है ) I जब भी मैं चाय लेकर बैठती अक्सर ये  ईरानी महिला अपने लड्डू जैसे गोल बच्चे के साथ खड़ी दिख जाती थी, उसको देख कर मैं अक्सर सोचती थी कि ऊपर वाले ने इसे कितनी तस्सली से बनाया है क्योकि वो बेइंतेहा खूबसूरत थी ,ऐसा की छू दो तो मैली हो जाए I उसको देख कर मुझे उसका जीवन पड़ा परफेक्ट प्रतीत होता था ,पर अभी मेरा ध्यान इस बात पर नहीं गया था कि वो किसी इलाज के लिए यहाँ आये हैं क्योकि गुडगाँव में लोग कंपनी के काम से भी थोड़े समय के लिए बहार से आते हैं I

              एक दिन मैंने ऑफिस जाते वक्त देखा कि एक पुरुष ( जिसके दोनों पैरो में बैंडेज थाको वो महिला और एक ६०-७० वर्ष के भाईसाहब व्हील चेयर से उतारकर  कार में बैठा रहे है I ये देख कर ये पक्का हुआ कि इसका मतलब ये पुरुष इस महिला का पति है और इसी के  इलाज के लिए ये लोग यहाँ आए हैमहिला इतने कम उम्र की थी कि मुझे उसको देख कर, अपना उन दिनों का संघर्ष  याद आया जब मेरे पति गुडगाँव में एक्सीडेंट की वजह से तीन महीने के लिए इनवैलिड थे क्योकि उनके भी पैर की सर्जरी हुई थी I ये सिर्फ शादी के एक साल की बात है इसलिए मेरे लिए भी इस महिला की तरह ये शहर इतना ही नया था I कैसे उन दिनों मैंने अकेले अपने पति को दोबारा खड़ा किया था सब आँखों  के सामने से एक पल में गुज़र गया और आँखे नम  हो गईपति का जब एक्सीडेंट हुआ था वो एक कंपनी छोड़ कर उसके नोटिस पीरियड पर थे और नई कंपनी ज्यादा समय देने को तैयार नहीं थी I मतलब मेरे पास सिर्फ महीने थे पति को पूरी तरह चलाने के लिए और डॉक्टर बोलता था कि  कम से कम महीने लगेंगे L ऊपर से पति की दिन रात की काउंसलिंग कि अगर नौकरी नहीं रही तो क्या होगा? इसलिए इस महिला के लिए सहानुभूति हुई और एक अलग सा जुड़ाव महसूस होने लगा                                                                                              

         कुछ दिन बीते और कोविड के चलते उन्होंने बालकनी में आना कम कर दिया I फिर, मैंने एक दिन उसके हस्बैंड को बव्हील चेयर पर बैठे देखा और सोचा कि चलो हीलिंग हो रही है और कुछ दिनों में ये बिलकुल ठीक हो जाएगा I दिन बीते ........महीने बीते...... पर एक बात मन को बहुत विचलित करती थी कि ये अब तक क्लच पर क्यों नहीं आया ? अब तक तो ये सहारे से चल सकता है ? तय किया की अगली पर इसके बैंडेज पर ध्यान दूंगी क्योकि उसके पूरे पैर व्हील चेयर पर बैठे होने की वजह से मुझे  दिखते ही नहीं थे I फिर एक दिन बहुत गौर से देखने पर महसूस हुआ कि उसके पैर होंगे तभी तो दिखेंगे.उस ३०-३५ वर्ष के पुरुष के दोनों पैर  amputate कर दिए गए थे  I देख कर मन बहुत ख़राब हुआ और बिना रुके दो आंसू, चाहते हुए, आदत से मज़बूर टपक ही आये I इतना हारा हुआ शायद मैंने upsc के इंटरव्यू में सेलेक्ट होने पर किआ था I

        अब दिन रात बस ईश्वर से एक प्रार्थना थी कि ये आदमी भी मेरे हस्बैंड की तरफ मुझे चलता हुआ देखना हैफिर सर्दी के दिन आये और मैंने  पाया की वो खूबसूरत ईरानी जोड़ा अपने लड्डू जैसे बच्चे के साथ barbeque लगा कर पार्टी कर रहे थेपति के पास नये आर्टिफीसियल लिंब्स  थे और वो स्वस्थ और  खुश मालूम पड़ रहा थामैंने नेटफ्लिक्स पर  फिक्स  हस्बैंड को बोला आओ  चलो तुम्हें दिखाती हूँ कि जीवन क्या है ? और तुम कितने ब्लेस्ड हो जो एक पैर में सिर्फ रॉड पड़ने से इतना हारा हुआ महसूस कर रहे थे I  कुछ दिनों बाद वो लोग ईरान वापस चले गए, पर जाते जाते मुझे इस लेख की प्रेड़ना दे गए I                                                                                                                                                                                           जीवन  में ब्लेस्सिंग्स के लिए ऊपर वाले को जितना धन्यवाद् दिआ जाए उतना कम  है I किसी का भी जीवन पर्फेक्ट नहीं है और कोई कोई void हमेशा रहता ही है I हम अक्सर अपने behind the scene  को लोगो के जीवन की हाइलाइटेड रील से  compare करते है I 

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