माँ काँ प्यार हमारी शादी की सालगिरह पर !

डिअर साधना,

शायद पिछले साल मैं तुम दोनों की शादी की साल गिरह भूल गयी थी, तुमको बहुत बहुत दुख हुआ था, मुझे याद है। पर शायद इस बार भी भूली ही रही होती, अगर फेसबुक ना याद दिलाता।
मुझपर बहुत बहुत गुस्सा कर सकती हो। क्योंकि मुझपर मेरे बच्चों से ज्यादा तुम्हारा हक़ है। शायद मेरे पेट से पैदा नही हुई, पर इन कई सालों में उतना मैं अपने बच्चों के दिल के पास से ज्यादा तुम्हारे दिल के पास आ गयी हूँ। मैं जानती हूं कि मेरे बेटे ने बहुत क़िस्मत किया
था जो तुम उसके साथ हो, और तुम मेरे जीवन मे आई उसके जीवनसाथी के रूप में ये मेरी खुश किस्मत है,कभी भी मेरे प्यार पर शक मत करना। याद न रखना ये मेरी बहुत पुरानी आदत है। इतना तो जान ही गयी होगी अब तक। भगवान तुम दोनों को ऐसे ही लड़ते भिड़ते सालो साथ रखे यही मेरी प्रार्थना है।

भगवान से मनाती हूं कि तुम दोनों को   हर बुरी नज़र से बचाके रखे।

एक का दूसरे के प्रति जो सोच हो, दोनों की सोच को समान करदे।

 तुमको उतना ही सम्मान मिले जितना तुम अपने जीवन साथी को करती हो।

इसबार कोई गिफ्ट नही दे पाई । देय रहेगा।

तुम्हारी माँ

❤️

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