Love is Listening ! Love is Giving ! And Love is Freedom.



 खानाबदोश होने की वजह से आपको अक्सर घर बदलने पड़ते हैं और घर बदलने पर जो सबसे बड़ी चीज आपको ढूंढनी पड़ती है वो है काम करने वाली मेड। इस बात के दर्द को महिलाएं बेहतर समझ पाएंगी क्योकि एक दिन मेड के ना आने पर सबसे ज़्यादा रक्तचाप इन्हीं का बढ़ता है। आप बड़े नसीब वाले हैं अगर आपकी मेड अच्छी है। पिछले 2 सालों से मेरे घर में जो मेड काम कर रही हैं उनका नाम शुभी है। जब पहली बार मैं उनसे मिली तो मुझे उनकी दो चीज़ों ने प्रभावित किया एक तो इनका इतना प्यारा नाम और एक इनका हमेशा मुस्कुराता चेहरा। नाम सुनकर मन में ख्याल आया कि इनके माता पिता ने इनका कितना प्यारा नाम रखा है और जीवन की मुश्किलों के बावजूद ये हमेशा खुश रहती हैं। मैने इससे ज़्यादा इनसे कुछ नही पूछा क्योकि मकानमालिक की सलाह पर ही मैं इनसे मिली थी। वैसे दीदी काम भी बहुत अच्छा करती है तो मैंने इनको बिना सोचे एक दिन में ही पक्का कर दिया । मैं बड़ा सौभाग्यशाली महसूस कर रही थी क्योकि मुझे कभी किसी को काम के लिए टोकना पसंद नही । मुझे लगता है कि अगर आपका ये काम है तो आप इसे ज़िम्मेदारी से खुद करिये। पुरानी मेड को कभी कभी न चाहते हुए भी बोलना पड़ता था।

अच्छा ! दीदी ने काम करना शुरू ही किआ था कि कुछ दिन मैंने ये जाना कि दीदी तो बंगाली भी है। ये जानकर मैं और खुश हुई कि चलो ये मुझे बंगला बोलना सिखा देंगी। पर जब उन्हें ये पता चला कि मैं जन्म से बंगाली नही तो उन्होंने मेरे पति की तरह ही मुझसे बंगला में बात करना

ठीक नहीं समझा । पर हां ! मेरे पति से वो धड़ा धड़ बंगला बोलती हैं । खुद के लिए दुख पर इस बात से मन को तस्सली दी कि चलो घर में बंगाली फील तो आता है। दीदी को कुछ ही दिन हुए थे काम करते वक्त कि एक दिन किचन के स्लैब पर मेरे मंदिर के बर्तनों को देख कर वो बोली कि दीदी इन्हें हटाओ यहाँ से..मैं इन्हें नही धोती। मैंने पहली बार दीदी को काफी खड़ा बोलते सुना । उसी क्षण उनको बड़े प्यार से कहा कि दीदी ये बर्तन मुझे धोने है और इन्हें मैंने अपने लिए रखा है। हमारे यहां जो पूजा करता है उसे ही मंदिर का सारा काम करना होता है। उन्होंने सुनकर जवाब दिया कि लोग उनको ये बर्तन छूने नही देते हैं। मैंने बात को खत्म किया और आफिस के लिए निकल पड़ी।

कुछ महीने बीते तो एक दिन वो मुझसे हिम्मत करके बोली कि आप रोज़ आफिस जाने से पहले ऑटो ढूंढने के लिए मेहनत करती हो तो आप मेरे पति जो कि एक ऑटो ड्राइवर हैं उन्ही को रख लो । मैंने सोचा बाहर पैसा जाने से अच्छा है कि घर के व्यक्ति को पैसा मिले और समय के साथ भैया मेरे पर्मानेंट ड्राइवर बन गए। एक दिन ऐसे ही टाइमपास में मैंने भैया से उनका और उनके बच्चों का नाम पूछा और तभी जाना कि अरे दीदी तो मुस्लिम बंगाली हैं।उस समय तुरंत मेरे मन में ये बात आई कि अच्छा शायद दीदी ने इसलिए उन बर्तनों को देखकर ऐसी प्रतिक्रिया दी थी और उन्हें छूने तक से मना कर दिया था।पर इस बात ने दीदी के साथ मेरी बॉन्डिंग पर कोई प्रभाव नही डाला। मैंने उन्हें कभी ये एहसास नहीं होने दिया कि मैं उन्हें अपने परिवार से अलग मानती हूं। उन्हें इस का बात का एहसास कराया कि मैं उनपर भरोसा करती हूँ।।

आज घर में दो साल बाद कुछ ऐसा हुआ जिसको देखकर मुझे इतना अच्छा लगा कि मैं खुद को इस पोस्ट लिखने से रोक ना पाई। कल शिवरात्रि की पूजा के बाद दोबारा कुछ बर्तन किचन की स्लैब पर छूट गए । शाम को आफिस से आकर देखा कि दीदी ने उन बर्तनों को धो दिया है और इतना साफ जैसे वो उनकी पूजा के बर्तन है। देखकर ये अच्छा लगा कि अब शुभी दीदी भी मुझ पर उतना ही भरोसा करती हैं जितना मैं उनपर। उन्हें भी पता है कि मैं उनके धुले बर्तनों को दोबारा गंगाजल से नही साफ करूँगी। आप इसे क्या कहेंगे ??

मैं इसे प्यार कहती हूँ जो एक बागीचे की तरह है जिसको आपको एक माली की तरह अपने प्यार और भरोसे से पालना पोसना होता है। इसमे आपको सामने वाले को वैसे ही अपनाना होता है जैसे वो हैं । प्यार धैर्य और अंधा विश्वास माँगता है जिसमे सामने वाले की खुशी में आपको खुशी और उसके दुख में तकलीफ़ महसूस करनी होती है।

Love is Listening ! Love is Giving ! And Love is Freedom.


                                                       

PS: ऊपर वाले ने सबको एक समान बनाया ,धर्म हमने बनाये | पहले अंग्रेज़ों ने और आज नेताओं ने पूरे देश को इसके गलत इस्तेमाल से अंदर तक खोखला कर दिया

 

 


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